दीवाली के बाद
दीवाली के बाद
जरा तमीज़ से समेटना ,
बुझे दियों को दोस्तों ..
इन्होंने अमावस के अन्धेरे में..
हमें रौशनी दी थी किसी और को जलाकर ...
खुश होना अलग बात है.!
इन्होंने तो खुद को जलाकर
हमें खुशी दी थी!
जरा तमीज़ से समेटना ,
बुझे दियों को दोस्तों ..
इन्होंने अमावस के अन्धेरे में..
हमें रौशनी दी थी किसी और को जलाकर ...
खुश होना अलग बात है.!
इन्होंने तो खुद को जलाकर
हमें खुशी दी थी!