STORYMIRROR

Sohini Roy

Romance Tragedy

4.5  

Sohini Roy

Romance Tragedy

अब हस्ते है अपनी हालत पे हम

अब हस्ते है अपनी हालत पे हम

1 min
333


अब हँसते है अपनी हालत पे हम

उसी राह पर निकल पड़े जहां से लौटे थे कभी हम

तेरी आँख में मैंने वो चाहत देखी 

तभी तो सब जनते हुए भी तुझे मोहब्बत की

आगाज़ सोचा ना था ना अंजाम इस रिश्ते का 

तुझसे सच्ची मोहब्बत का वादा बस मंगा था 


तुझसे इश्क की यूं इत्र सी आने लगी

एक तरफ़ा मोहब्बत यक़ीनन मैंने भी ना की थी

या फिर तूने भी वही खेल खेला था 

दिल्लगी कर दिल की लगी का दांव लगाया था 

इतनी तो यारी थी की तू हाल-ए-दिल बाय करता

मेरा हाथ थाम प्यार की राह पर लाकर यूं राह ना बदलता


तूने अपने गमों को

मेरे दामन में दाल दिया

मैंने उन्हीं से अपनी खुशियाँ बुन ली

अपने उदास मन को तूने मेरे संग बहला लिया

मैंने उसी में तेरी मोहब्बत देख ली

तू तो मुसाफिर बन आया था 

मैंने तुझमें अपना हमसफर देख लिया


चलो आज एक सवाल मैं भी कर लूँ

रिश्ता जब ये हमारा शर्त रहित ही था 

मांगा तुझसे ना मैंने कुछ मोहब्बत के सिवा था

खेलना ही था तो बाज़ार में खिलौने तो कई थे 

मेरे दिल को तोड़ तूने हासिल क्या कर लिया?

अब हँसते है अपनी हालत पे हम

उसी राह पर निकल परे जहां से लौटे थे कभी हम


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance