STORYMIRROR

Sohini Roy

Romance

3  

Sohini Roy

Romance

तुम तक

तुम तक

1 min
150

तेरी आँखों में मैं अपनी परछाई ढूंढ रही

लगता है तेरी बातों में सच्चाई ढूंढ रही


दिल अब भी तेरे तक आ के रुकता है ,

सांसों का क्या है संग तेरे होने से चलता है


ले जाएगी यह राहें कही दूर मुझे,

जहां मेरी खुशियों के आगे शर्त ना होगी


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance