वो दोस्ती ही क्या
वो दोस्ती ही क्या
वो दोस्ती ही क्या जहां बचपना ना हो
वो दोस्ती ही क्या जिसमे समझदारी ना हो
वो दोस्ती ही क्या जिसमे सोच कर बोलना हो
वो दोस्ती ही क्या जिसकी खामोशी ज़ुबा ना हो
वो दोस्ती ही क्या जिसमे लडाईया ना हो
वो दोस्ती ही क्या जहा रूठना मनाना ना हो
वो दोस्ती ही क्या जिसमे माफी ना हो
वो दोस्ती ही क्या जहा गुस्सा ना हो
वो दोस्ती ही क्या जो उस गुस्से को खतम करे वो प्यार ना हो
वो दोस्ती ही क्या जो एक दुसरे को ना समझे
वो दोस्ती ही क्या जो दिल की बात ना समझे
वी दोस्ती ही क्या जहा मन का मेल ना हो
वो दोस्ती ही क्या जहा खुद के अस्तित्व की पेहचान ना हो
वो दोस्ती ही क्या जिसमे सीमाये ना हो
वो दोस्ती ही क्या जो बेहद ना हो
वो दोस्ती ही क्या जहा दूरियां ना हो
वो दोस्ती ही क्या जहा दिल मे करीबी जगह ना हो
वो दोस्ती ही क्या जो हाथ ना थामे
वो दोस्ती ही क्या जो अकेले चलना ना सिखाए
वो दोस्ती ही क्या जिसमे तुम ना हो..
वो दोस्ती ही क्या जिसमे तुम ना हो।।