मुस्कुरा कर पार किया मुसीबतों का समुंदर शायद किसी अपने की फरियाद होगी। मुस्कुरा कर पार किया मुसीबतों का समुंदर शायद किसी अपने की फरियाद होगी।
नया किस्सा, नया अफसाना, खुशियों गमों का अंबार है जिंदगी। नया किस्सा, नया अफसाना, खुशियों गमों का अंबार है जिंदगी।
कोई चाहे समझे या ना समझे हमें कोई चाहे समझे या ना समझे हमें
ग़मों की महफिल में खुशी को ढूँढ़ने चली थी..! ग़मों की महफिल में खुशी को ढूँढ़ने चली थी..!
भर आई हैं आँखें तो इन्हें छलक जाने दे छोटी सी झील में समंदर बसाया ना कर भर आई हैं आँखें तो इन्हें छलक जाने दे छोटी सी झील में समंदर बसाया ना कर