आया सावन झूम के
आया सावन झूम के
घिरे बादल
कड़कती बिजली
वर्षा आई रे
बादलों को चूम के
उठी सौंधी खुश्बू रे।
धरती भीगी
चली ठंडी पवन
खिला है मन
गीला घर-आँगन
हो रही बरसात।
कोयल कूके
पशु पक्षी सब चहकें
मयूरा नाचे
प्रकृति खिल गई
कृषक मुस्कुराए।
नदियाँ नाले
भर गए हैं सारे
शोर मचा रे
बच्चों की टोली नाचे
हुड़दंग मचा रे।