आस्था का दीपक
आस्था का दीपक
हमें आस्था का दीपक जलाए रखना है।
हमें निराशा के अंधकार से नहीं डरना है।
हमें छोटी से छोटी खुशी में खुश रहना है।
हमें अपने क्रोध पर भी नियंत्रण करना है।
हमें अपने चेहरे की मुस्कान को बढ़ाना है।
हमें मन को अंतर्द्वंद्व से सामना कराना है।
हमें अपने अस्तित्व को विजय दिलाना है।
हमें अपनी कठिनाइयों की नींव हिलाना है।
हमें अपने शत्रुओं के क्रोध को मिटाना है।
हमें अपने मित्रों से भी मेल जोल बढ़ाना है।
हमें अपने संबंधियों से प्रेम भाव चढ़ाना है।
हमें सब पड़ोसियों के बीच सद्भाव लाना है।
हमें परिवारजनों के बीच समय बिताना है।
हमें उनके दुख लेना, उन्हें खुशी दिलाना है।
हमें समाज की सेवा करके धर्म निभाना है।
हमें हर धर्म का त्यौहार मिलकर मनाना है।
हमें अनाथ और बेसहारा बच्चों को पढ़ाना है।
हमें गरीब और बुजुर्गों के दुखों को थामना है।
हमें केवल आगे और भी आगे बढ़ते रहना है।
हमें विफलताओं से डरकर पीछे नहीं हटना है।