आसमान की बुलंदी
आसमान की बुलंदी
1 min
238
गिरा तो फिर भी उठ जाएगा
झुका नहीं तो तू टूट जाएगा
छूना है आसमान की बुलंदी
पाँव उठा तो आधार छुट जाएगा।
हारा भी तू योद्धा लड़ा तो सही
पीछे मुड़ा मुकद्दर रूठ जाएगा
सफर क्या जिसमे आंधिया न हो
हौसला रख तू गुबार फुट जाएगा।
मांगना है हिम्मत मांगो खुदा से
मंजिल मिलेगी अंधेरा छंट जाएगा
पाना मुकाम आसान नहीं होता
जुनून की हद रोड़ा हट जाएगा।