आशियाना..!
आशियाना..!
मैं और तुम अगर हम हो जाते
हर एक ग़म छूँ हो जाते
तोड़ हर एक बंधन को
आसमान से परे कहीं गुम हो जाते
जो ढूँढे ले कोई हमें यहाँ
दूर सितारों में चल कहीं
अपना आशियाना बनाते
नज़रों से दूर सितारों में बस जाते।
मैं और तुम अगर हम हो जाते
हर एक ग़म छूँ हो जाते
तोड़ हर एक बंधन को
आसमान से परे कहीं गुम हो जाते
जो ढूँढे ले कोई हमें यहाँ
दूर सितारों में चल कहीं
अपना आशियाना बनाते
नज़रों से दूर सितारों में बस जाते।