आरक्षण
आरक्षण
कोई मत बाँटो इस देश को,
कोई मत बाँटो मेरे देश को।
ये भारत माता तड़प रही,
हम सबके आगे बिलख रही,
मत तोड़ो उस विश्वास को,
जो जोड़े आम और खास को।
अरे ! मत बाँटो इस देश को...
ये आरक्षण का जेवर तो,
समतुल्य बनाने वाला था,
ये जाति में बिखरे लोगों को,
रेशम से बाँधने वाला था।
हम यंत्र नहीं है मानव हैं,
ये सबको बताने वाला था।
तुममें हममें कोई भेद नहीं
ये दीप जलाने वाला था।
कोई मत बाँटो इस देश को,
कोई मत तोड़ो इस देश को....
कल शोर मचा था राहों में,
हम ऊँचे हैं, तुम नीचे हो,
अब शोर मचा है गलियों में,
हमको भी नीचे आने दो।
आरक्षण दो, आरक्षण दो
हमको भी तुम आरक्षण दो...
क्योंकि...
सब रोज़गार को तरस रहे और
पढ़ लिख कर भी भटक रहे।
अब कैसे होगा संपादन,
करना होगा ये संशोधन
ना जात रहे, ना पात रहे,
आरक्षण की ना बात रहे।
हम एक हैं, हम एक हैं,
हम भारत माँ के बच्चे हैं,
हम सबसे भारत एक है...।।