STORYMIRROR

Ramandeep Kaur

Romance

2  

Ramandeep Kaur

Romance

मेरी तू

मेरी तू

1 min
452


दिल की हर धड़कन तेरा ही नाम लेती है,

मानो हर घड़ी अब तू ही मुझमें सांस लेती है...


जब भी तेरा ख्वाब मेरी आँख में समाता है,

रात भी मेरे दिल से लम्हें मांग लेती है...


जिस तस्वीर की ताबीर मुमकिन ही नहीं मुझसे,

उसे तकदीर खुद ही जिंदगी में ले भी आती है...


तेरी मासूमियत की क्या मिसाल दूं मैं लोगों को,

गुलों की शोखियां भी जहां दम तोड़ देती हैं...


गिरते रहने का हौसला में करता ही रहता हूँ ,

जमाने भर में तू ही है जो मुझको थाम लेती है...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance