आफत की शोखियां
आफत की शोखियां
आफत की शोखियां है तुम्हारी निगाह में..
इश्क का अलग मजा दर्द के एक आह में...
उलझे हर्फ़ो के खामोशियों से जालिम
खबर नहीं देते प्यार के इस राह में...
आँखों से बुलाते भरे महफ़िल में साहिब
आगाज़ नहीं देते झूठी आन के शाह में....
जानते है वफा की सारी हदें जानिब
मुस्कुरा के फिरा ले नजरें एक चाह में..
मत पूछ नंदिता का हाल जालिम
सजदा करते तुम्हारी हाले-तबाह में....!!

