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Mamta Singh Devaa

Inspirational

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Mamta Singh Devaa

Inspirational

' आँख का पानी '

' आँख का पानी '

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ये दर्पण भी अजीब है

सबको सच दिखलाता है

पर कोई कभी भी

सच को कहाँ देख पाता है,


सबने गांधारी की तरह 

अपनी सोच में जीने के लिए

आँखों पर बांध रखी है पट्टी

सच से भागने के लिए ,


दर्पण अगर तुम्हारे चेहरे की

सुंदरता दिखाता है

वही दर्पण तुम्हारा झूठ भी तो

तुम्हारे सामने लाता है ,


इतना आसान नहीं होता

सच के दर्पण को झुठलाना

ये तो मन के अंदर होता है

मुश्किल होता है इससे बच पाना ,


सच के दर्पण को क्या 

कोई भी ढक पाया है

वो आँखों में उतर कर

आँख का पानी कहलाया है ।



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