'' आम आदमी है बेचारा ''
'' आम आदमी है बेचारा ''
राजनीति में सब बन गए नेता
वोट लेकर भूल गए जनता को
आम जनता को ना मिला सहारा
ठगा गया फिर से आम आदमी बेचारा ।
सेवा करने जो आए थे राजनीति में
वे राजा बन कर बैठ गए
जनहित के मुद्दों को भुलाकर
गड़े मुर्दे उखाड़ने लग गए
दोनों हाथों से देश लूट कर
नेताओं ने अपना भविष्य संवारा
आम जनता को ना मिला सहारा
ठगा गया फिर से आम आदमी बेचारा ।
नैतिकता को भुला दिया गया है
घोटालों पर घोटाले हो रहे हैं
अपनों को बचाने के लिए
ना जाने क्या-क्या जतन हो रहे हैं
दिन पर दिन बढ़ती महंगाई से
आम आदमी कैसे करें गुजारा
आम जनता को ना मिला सहारा
ठगा गया फिर से आम आदमी बेचारा ।
मुफ्त की बिजली पानी का वादा कर
नेता जनता से वोट पा जाएं
जिनको कुर्सी पर बिठाया जनता ने
वही नेता लुटेरे बन देश में लूट मचाएं
तरह-तरह की चालें चलकर नेता
भरता जाए काले धन से तिजोरी अलमीरा
आम जनता को ना मिला सहारा
ठगा गया फिर से आम आदमी बेचारा।