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Dr Shikha Tejswi ‘dhwani’

Romance

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Dr Shikha Tejswi ‘dhwani’

Romance

आकृति

आकृति

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तुम चले जाना मेरी ज़िन्दगी से,

ले जाना अपनी निशानियां। 

एक महानगर से दूसरे माया नगर,

मत ढूँढना मेरी परछाइयाँ।


जब अवकाश मिले कोई,

तो पुस्तक मेरी उठा लेना। 

कहना नहीं है इतना वक़्त,

कहकर उसे झटक देना।


मत भूलना लेकिन तुम,

जिसे भूलना चाहोगी।

उसी की याद तुम्हें लेकिन,

हरसू हर पल तड़पायेगी।


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