आखिरी मुलाकात
आखिरी मुलाकात
आखिरी मुलाकात के किसी बहाने से
आ जाओ तुम यार अपने आशियाने से,
न जाने कौन सी मुलाकात आखिरी हो,
निभा लो एक रिश्ता अपने दीवाने से।
पल पल में जिंदगी यूँ ही बदलती है,
हमारी सोचो के अनुसार कब ठहरती है,
आखिरी मुलाकात का इंतजार न कर,
मिलन की हर चाहत में ये सँवरती है।
आ जाओ की जीने के अरमान हो पूरे,
आ जाओ की चाहत न रहे कभी अधूरे,
जिंदगी को इंद्रधनुषी रंग दिखाने के लिए
आ जाओ की नहीं कोई कभी हैं बुरे।
आखिरी मुलाकात सोच कर डरना नहीं,
बेवजह किसी से कभी तुम लड़ना नहीं,
जिंदगी की दुश्वारियाँ भुलाने के लिए,
घुट घुट कर कभी तुम यूँ मरना नहीं।