ए चांद
ए चांद
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रूबरू हूं तुझसे
तेरे ख्यालों से,
बता नहीं सकता
अपने दिल के अरमानों को
तजुर्बे अदब हैं तेरे
दीदार- ए-ख्वाब का
तू अश्क बन
मेरी निगाहों का
ए चांद तुझे छूने की तमन्ना है........।