आखिर तुमने किया ही क्या?
आखिर तुमने किया ही क्या?
जिंदगी का हर पहलू उनके नाम कर दिया
उनके हर खुशी में खुश रहना सीख लिया
छोटी सी उमर में ही बड़ों की ज़िम्मेदारी उठा लिया
फिर भी आज उन्होंने पूछा मुझसे,
"आखिर तुमने किया ही क्या?"
हर कड़वी बात अपने दिल में दबा लिया
मुस्कुराते हुए हर लम्हे में उनका साथ दिया
हर परिस्थिति में खुद के साथ सबको स्थिर रखा
फिर भी आज उन्होंने पूछा मुझसे,
"आखिर तुमने किया ही क्या?"
जिंदगी के इतने साल साथ रह के भी
क्या मुझ जैसे सरल इंसान को समझना आसान नहीं?
अब हिम्मत भी मेरी हारने लगी है
जब कानों में गूंजती हे उनके वह सवाल,
"आखिर तुमने किया ही क्या?"