रात कहानी कहती है
रात कहानी कहती है
रात कहानी कहती है
उन्न आँसुओं का ,
जो तकिये में मुह् छुपा के बहाये गये।
उस तन्हाई भरे वक़्त का,
जो करवट लेते हुए बीत गये।
उन्न मुस्कुराते हुए शकलों के
पीछे का राज़ जो अंधेरे में निकल गये।
उन्न गुमसुम होठों के,
बिलखता चीखें जो बेज़बान होके भी
सुनाई दे गये।