मेरी हमसफ़र हूँ मैं
मेरी हमसफ़र हूँ मैं
ज़िन्दगी की कहानी में,
कुछ वक़्त मैं खुद को देना चाहती हूँ।
इस हर दम मसरूफ़ रहने वाली दुनिया में,
कुछ पल मैं खुद की ख्वाहिशों को सुनना चाहती हूँ।
ज़िन्दगी की इस लम्बी यात्रा में,
कुछ वक़्त मैं खुद की मंज़िल ढूढ़ना चाहती हूँ।
इस अंजाने से भीड़ में,
कुछ पल मैं खुद को पहचानना चाहती हूँ।