आखिर क्यों तेरा इंतजार हमको..
आखिर क्यों तेरा इंतजार हमको..
यकीन सा होने लगा है अब दिल को,
की अब हमको रहना है जुदा जुदा हमेशा के लिए,
हो गए है हमारे रास्ते भी जुदा जुदा,
हो गयी है हमारी मंजिले भी जुदा जुदा....
अब ना मिल पाएंगे हम कभी भी एक दूजे से,
जाने क्यों यह एहसास सा होने लगा है मुझको,
क्यों भटक रही है यह मेरी जिंदगी तेरी तलाश में,
तू तो खो गया है कहीं दुनिया की भीड़ में,
ये कैसा बंधन जोड़ लिया हमने तुझसे,
जो टूट कर भी टूटता नहीं,
क्यों हमको हर पल तेरी याद आती है,
क्यों तेरा इंतजार ये दिल करता है....
काश मुमकिन होता तुझ को भूल पाना,
तो भुला देते हम भी तुझको,
ये दिल है कि मानता ही नहीं,
हर पल तेरे ही खयालों में खोया है.......