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Vaidehi Shree

Romance

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Vaidehi Shree

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प्यासा दिल

प्यासा दिल

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सोलह साल की उम्र से,

तुझसे दूर तेरे इंतज़ार में,

आज सात साल बाद भी

तेरी सुहागन बन,

ताउम्र तेरे सेवा में ज़िन्दगी

बिताने को ये दिल प्यासा है,


तेरे लबों को अपने लबों से लगाने को,

रंगों की वो होली तेरे तन से,

मेरे तन को हज़ार रंगों से

रँगने को, ये दिल प्यासा है,


वो तेरे बाहों में सर रख कर सोना

और मेरी आँखे खुलते ही,

तेरा मुस्कुरा कर मेरे सर को चूम लेना,

उस पल, उस रात को ये दिल प्यासा है,


ये सुनी सी माँग मेरी,

तेरे हाथों से सिंदूरी होने को,

तेरे गिरफ्त में सारा जीवन तेरे नाम की

मंगलसूत्र से बँध जाने को,

ये दिल प्यासा है,


करवाचौथ की चाँदनी रात को

सोलह श्रृंगार कर लाल जोड़े में,

सजी थाल व सजी चलनी लेकर तेरे

एक झलक देख व्रत तोड़ने को,

ये दिल प्यासा है,


तेरे साथ तेरे आँगन में वो हँसी,

खुशी के पल बिताने को,

तेरे-मेरे प्यार की मासूम सी निशानी को,

हमारे सपनो के महल में उसकी किलकारी

तुझे सुनाने को ये दिल प्यासा है। 


इन सब सपनों को सच करके

तेरे साथ जीने को ये

दिल प्यासा है, ये दिल प्यासा है।


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