आजकल के बच्चे
आजकल के बच्चे
लगता है हमारा भविष्य ख़तरे में है पर
हम इनका भविष्य संवारने में जुटे हैं
आजकल के बच्चे बुरी संगत बनाकर
जाने क्यों खुद को बिगाड़ने में जुटे हैं
मानता हूं कि सब बच्चे एक जैसे नहीं
पर आजकल यहीं देखने मिलता है
बच्चे मां बाप के साथ रहते तो है
पर चेहरा दोस्तों के साथ खिलता है
हम मां बाप हो कर उनको चिल्लाते हैं
पर बच्चे हमें ही डांट कर चले जाते हैं
वह घर लौटते हैं तो नाराजगी लेकर
फिर हम ही मना कर खाना खिलाते हैं
जब देखो ये मुंह फुला कर सो जाते हैं
ये बच्चे हमें अक्ल का पाठ पढ़ाते हैं
ये आजकल नए ख्यालात के बच्चे हैं
जो पुराने लोगों का मजाक उड़ाते हैं
अरे, तुम हमें नए ख्याल बताया तो करो
कम से कम बैठकर समझाया तो करो
हम क़दम से क़दम मिलाकर चलेंगे
कुछ कदम तुम खुद उठाया तो करो
वो बेटा घर पर कुछ भी बताता नहीं हैं
शायद हमारे साथ रहना भाता नहीं है
छोड़ो यार ये आजकल के बच्चे हैं
इन्हें हमारा लिहाज करना आता नहीं है.
