आज सितारे बेशक़ गर्दिश मे है
आज सितारे बेशक़ गर्दिश मे है


आज सितारे बेशक़ गर्दिश में है
आज अपने बेशक़ रूठें है
आज तुम क़त्ले आम करते हो
और हमारी उफ़ तुम्हें चुभती है
जिनको ठोकरों से बचाया वह ही सर्द बने है
पता है ठोकरों कीमत तुम्हें समझने नहीं दिया
हर चीज़ हमसे रटकर तुम सोचते हो
आज तुम माहिर बने
और हम ही को भुला बैठे
बेशक़ सितारे गर्दिश में है
पर जानो जो पेड़ अपने जड़ की कीमत ना करे
वह ज्यादा बढ़ते नहीं
आज बेशक़ हमारे कुछ प्यादे कुछ मारे गए
पर राजा अभी जी रहा है
ये दौर तुम्हारा हुआ
पर सिख जो मिला
वह बस मेरा है
अगली बार चित भी मेरी पट भी
इसका वादा रहा