प्रेम रस घोलत जोहत कत तुम श्याम मुरली सोहत। प्रेम रस घोलत जोहत कत तुम श्याम मुरली सोहत।
चंदन, तिलक थाल लिए करो स्वागत चंदन, तिलक थाल लिए करो स्वागत
बेहिसाब हसरतों को यूं ही अश्कों से धुले जा रहे हैं। बेहिसाब हसरतों को यूं ही अश्कों से धुले जा रहे हैं।
चित की वेदना और संवेदना विश्राम ले अब ईश से मिली इस शांति की चाह में मैं मीलों तपी योजन चली चित की वेदना और संवेदना विश्राम ले अब ईश से मिली इस शांति की चाह में मैं ...
चित करे चुनौती जो हो चाहें कुछ गवाने को हो कोई रोक के दिखाओं जरा नहीं होंगे फेल कभी।। चित करे चुनौती जो हो चाहें कुछ गवाने को हो कोई रोक के दिखाओं जरा नहीं होंगे फ...