आज की नारी
आज की नारी
आज की नारी,
है सब पे भारी।
निभाती है फुल जिम्मेदारी,
वो हो सकती है लता मंगेशकर,
या मरगरेट थाॉचेर,
मदर टेरेसा या लक्ष्मी बाई।
आज की नारी करती है नौकरी भी,
और संभालती है अपने घर को भी।
दफ़्तर से आने के बाद भी नहीं मिलता है
उसको आराम, क्योंकि बनाना है उसको खाना,
और पढ़ाना है अपने बच्चों को।
पेसे से है डाक्टर, इंजीनियर, नेता और अभिनेता वो,
वो है आज की नारी,
है सब पे भारी।
जो एक आदमी कर सकता है,
वो कर सकती है एक नारी ;
पर जो आदमी नहीं कर सकता,
वो भी कर सकती है एक नारी।
वो मा है, बेटी है, बहन है, पत्नी है,
उसके हाथों मैं परिवार की डोर है।
वो बनाती है एक मकान को घर,
वो है भगवान की सबसे खूबसूरत रचना,
नहीं चल सकती है दुनिया जिनके बिना,
वो है आज की नारी।
