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संजय असवाल "नूतन"

Tragedy

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संजय असवाल "नूतन"

Tragedy

आज की लड़कियां

आज की लड़कियां

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आज की लड़कियां,

प्रेम करती हैं

पैसा,पावर देखकर,

या किसी के आकर्षण में बह कर,

एक दूसरे को दिखाने के लिए,

या झूठी शान बचाने के लिए।

प्रेम तो वो करती है,

खुद रंग में रंगने के लिए,

किसी का होने के लिए,

या खुद को छलने के लिए,

पर, वो भूल जाती है

अपनों का प्यार,

किसी बहरूपिया के लिए।

वो भूल जाती है,

जो उसने अब तक पाया अपनों से,

वो निस्वार्थ था,

पर जो अब पाएगी,

उसमे सिर्फ स्वार्थ भरा होगा,

यहां उसे सिर्फ धोखा ही मिलेगा,

प्रेम की ये राह कांटों से भरा होगा।

ये प्यार लूटेगा उसके भोलेपन को,

उसके विश्वास को,

जो शुरू से एकतरफा था उसके लिए,

पर प्यार में अंधी,

उसे तब तक विश्वास रहेगा,

जब तक वो खुद ना लुट जाए,

जिंदगी का बेरहम सबक ना पा जाए।



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