आज इस दुनिया से मेरी रवानगी
आज इस दुनिया से मेरी रवानगी
आज इस दुनिया से मेरी रवानगी,
होगी मेरी सच्ची मोहब्बत की बानगी।
बस तुम्हारा प्यार पाने की आस में ही,
गुज़र गई मेरी खुशियाँ तलाशती ज़िंदगी।
मैं खुदा से कहूंगा कि,
रखना उनको हमेशा सलामत,
खुदा मेरी रूह से कहे कि,
करती रहे उनकी हिफ़ाज़त,
मेरी रुखसती के वक्त,
दुनिया भी यही कहेगी,
हमने तो कभी नहीं देखी,
कहीं नहीं देखी ऐसी दीवानगी।
बस तुम्हारा प्यार पाने की आस में ही,
गुज़र गई मेरी खुशियां तलाशती ज़िंदगी।
सारी उमर जिसको चाहा,
बेशुमार और बेहिसाब,
तड़पता रहा उसके दीदार को,
तरसता रहा उसके प्यार को,
उसको मेरी मौत पर पूरा,
आयेगा यक़ीन ज़रूर यह,
जो भरोसा न दिला सकी,
मेरी यह बेवजह बेवफ़ा ज़िंदगी।
बस तुम्हारा प्यार पाने की आस में ही,
गुज़र गई मेरी खुशियाँ तलाशती ज़िंदगी।
तुम्हारे हर अंदाज़ में,
तुम्हारी हर बात में,
जिस पर यह मेरा दिल,
मर मिटा था नासमझ नादान,
एक मासूमियत सी थी और,
एक चुलबुलापन सा था,
एक शरारत भरी थी आँखों में,
और दिल में थी एक सादगी।
बस तुम्हारा प्यार पाने की आस में ही,
गुज़र गई मेरी खुशियाँ तलाशती ज़िंदगी।
मेरे दोस्त सब जानते थे,
कि मैं तुम पर मरता हूं,
यह पूरा शहर जानता था,
कि यह कमबख़्त दिल,
सिर्फ तुम्हारा दीवाना है,
हर गली और हर रास्ता,
मेरे प्यार का है गवाह,
सिर्फ तुम्हें जानकर हुई हैरानगी।
बस तुम्हारा प्यार पाने की आस में ही,
गुज़र गई मेरी खुशियाँ तलाशती ज़िंदगी।
लोगों ने मुझसे कई दफ़ा,
कहा और बहुत समझाया,
दोस्तों ने दोस्ती की कसम,
और वादा देकर बहलाया,
मेरे अपनों ने किए जतन,
बहुत सारे और सबने कहा,
उस बेवफ़ा को छोड़ दे मगर,
मेरे दिल ने नहीं दी परवानगी।
बस तुम्हारा प्यार पाने की आस में ही,
गुज़र गई मेरी खुशियाँ तलाशती ज़िंदगी।
मेरे जाने के बाद जब,
तुमसे कहेंगे लोग सब,
मैं सिर्फ़ तुम्हारा नाम,
लेता था सुबह और शाम,
मेरा कमरा जब तलाशोगे,
मेरे ख़ून से लिखे हुए,
ख़तों और एक टूटे हुए,
दिल की होगी बरामदगी।
बस तुम्हारा प्यार पाने की आस में ही,
गुज़र गई मेरी खुशियाँ तलाशती ज़िंदगी।