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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

“ आहट “

“ आहट “

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तुम्हारे आने की आहट,

सदा समझते हैं !

तुम्हारी ख़ुशबू से सारे ,

चमन महकते हैं !!

तुम्हारे आने की …………..!!


पायल की छनकते धुन को ,

कैसे तुम छुपा पाओगी !

हम जान ही लेंगे उसको ,

फिर कैसे बच पाओगी !!

पायल की छनकते धुन को ,

कैसे तुम छुपा पाओगी !

हम जान ही लेंगे उसको ,

फिर कैसे बच पाओगी !!


शरारत तो तुम्हारी हम

सदा पहचानते हैं ,

तुम्हारी खुशबू से सारे ,

चमन महकते हैं !!

तुम्हारे आने की …………..!!


अँधेरों में भी तुमको हम ,

पहचान कर ही लेंगे !

तेरे रूप का दमकता चेहरा ,

हम उसे जान लेंगे !!

अँधेरों में भी तुमको हम ,

पहचान कर ही लेंगे !

तेरे रूप का दमकता चेहरा ,

हम उसे जान लेंगे !!


छुपा लो लाख हमसे ,

उसको समझते हैं !

तुम्हारी ख़ुशबू से सारे ,

चमन महकते हैं !!

तुम्हारे आने की …………..!!


कानों की बाली कानों में ,

कुछ बातें करती है !

साँसों के कंपन को सुनकर ,

धड़कन मेरी  रुकती है !!

कानों की बाली कानों में ,

कुछ बातें करती है !

साँसों के कंपन को सुनकर ,

धड़कन मेरे रुकती है !!


स्प्रंदन गति की चाहत

सदा समझते हैं

तुम्हारी ख़ुशबू से सारे ,

चमन महकते हैं !!

तुम्हारे आने की …………..!!



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