आदत बड़ी गन्दी है
आदत बड़ी गन्दी है


बाहों में भर लो मुझे,
हवा बह रही बड़ी ठंडी-ठंडी है
ये मेरी ख़्वाहिश नहीं,
ख़ुदा की रजामंदी है
तुम रोज़-रोज़ जुल्फें लहरा कर,
मेरे घर के सामने से गुजरती हो,
जानेमन ये आदत बड़ी गन्दी है
मैखाने कैसे जाऊँ,
आज तो ड्राई-डे है,
और जेब में भी बड़ी मंदी है
बाहों में भर लो मुझे,
हवा बह रही बड़ी ठंडी-ठंडी है...