आदमियत
आदमियत
भूसे में खोई
सुई
है
आज का
हर आदमी
न जाने क्यों
खोया
परेशान है
हर आदमी
आदमियत
भूला, शायद
तभी तो पिछड़ा
और
शान से कहता
प्रगतिशील है
आज का
हर आदमी
भूसे में खोई
सुई
है
आज का
हर आदमी
न जाने क्यों
खोया
परेशान है
हर आदमी
आदमियत
भूला, शायद
तभी तो पिछड़ा
और
शान से कहता
प्रगतिशील है
आज का
हर आदमी