अजय '' बनारसी ''
Abstract Tragedy Inspirational
सत्ताएं कातती हैं सूत
निरन्तर मेरे देश में
प्रतिभा बहुत है
उन्हें ठीक से
लटकाने के लिए।
दमन
शक्ति
दो शब्द
अपील
भीड़
खोई
नियंत्रण
पतंग
पहला कदम
आदमियत
तुम्हारा स्वरूप समझकर तुम्हारा ही अपना बनूँ। तुम्हारा स्वरूप समझकर तुम्हारा ही अपना बनूँ।
वह बचपन के दिन किस्से कहानियों वाले दिन, वह चटपटी चूर्ण ,खट्टी मीठी गोलियों वाले दिन। वह बचपन के दिन किस्से कहानियों वाले दिन, वह चटपटी चूर्ण ,खट्टी मीठी गोलियों ...
दिल हंसता भी रहा रोता भी रहा दिल हंसता भी रहा रोता भी रहा
पिता के वचन का मान रखा छोड़ा सब राजपाट पिता के वचन का मान रखा छोड़ा सब राजपाट
दिव्यता का हर पल आभास हो। सत्य में आस्था सत्य के साथ हो।- दिव्यता का हर पल आभास हो। सत्य में आस्था सत्य के साथ हो।-
एक लम्हा भी उनसे बेरुखी का खाली कर जाता है झोली आशीर्वाद की तुम्हारी एक लम्हा भी उनसे बेरुखी का खाली कर जाता है झोली आशीर्वाद की तुम्हारी
दीये हमें देते सतत प्रयत्न करते रहने का सुंदर संदेश दीये हमें देते सतत प्रयत्न करते रहने का सुंदर संदेश
एक पृथ्वी की पूरी शक्तियां, क्या जानेंगे कैसे जानेंगे, एक पृथ्वी की पूरी शक्तियां, क्या जानेंगे कैसे जानेंगे,
लड़खड़ाते चलते रहे मंजिल की तरफ। कब बहके वो जिनको ये ख़ता ना लगे। लड़खड़ाते चलते रहे मंजिल की तरफ। कब बहके वो जिनको ये ख़ता ना लगे।
जिंदगी मानव की जो मिली है, चमकाइए। जिंदगी मानव की जो मिली है, चमकाइए।
बहलता है मन तो बहल जाने दो ना। मचलता है मन तो मचल जाने दो ना। बहलता है मन तो बहल जाने दो ना। मचलता है मन तो मचल जाने दो ना।
खोले दिल के बंद कपाट खुशियों को थोड़ा बांट दे, खोले दिल के बंद कपाट खुशियों को थोड़ा बांट दे,
अपने बाबा पिता और अपने समय के मध्य हुए बदलाव को भी देखिए। अपने बाबा पिता और अपने समय के मध्य हुए बदलाव को भी देखिए।
कड़ी तपस्या कर कर इंसान, बनता है पारस के समान, कड़ी तपस्या कर कर इंसान, बनता है पारस के समान,
भर जाते हैं बड़े से बड़े घाव वक्त आने पर । भर जाते हैं बड़े से बड़े घाव वक्त आने पर ।
जब जब मैं खुद को अकेला महेसुस करूं तब मेरी साथी बन जाओ ना। जब जब मैं खुद को अकेला महेसुस करूं तब मेरी साथी बन जाओ ना।
सबके लिए हम जान भी दे दे, फिर भी कुछ ना पाएंगे,। सबके लिए हम जान भी दे दे, फिर भी कुछ ना पाएंगे,।
दिल साफ होगा तो निखर आएगी सुरत दिल साफ होगा तो निखर आएगी सुरत
तुम तलक बात मेरी पहुँची नहीं। तुम हो मेरे ही अपने कहते रहे। तुम तलक बात मेरी पहुँची नहीं। तुम हो मेरे ही अपने कहते रहे।
मेरा क्या है कुछ भी नहीं है तेरा भी क्या है कुछ भी नहीं है। मेरा क्या है कुछ भी नहीं है तेरा भी क्या है कुछ भी नहीं है।