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Madhuri Sharma(माधुरीशर्मा'मधुर')

Inspirational Others

5.0  

Madhuri Sharma(माधुरीशर्मा'मधुर')

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आधुनिक युग में लड़की

आधुनिक युग में लड़की

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आधुनिक युग में भी है लड़की पर

अभिशाप

जिसे सुनकर हैरान होंगे आप।

लड़की पर आज भी ज़ुल्म कम नहीं,

जबकि कहते हैं आज लड़की किसी

लड़के से कम नहीं, शायद आप सोचते

होंगे कि लड़कियों को प्राप्त सभी सुविधाएँ हैं

फिर क्यों लड़कियों के अधिकारों की

दुविधाएं हैं।


अधिकार तो कहने मात्र के अधिकार है

वास्तव में यह सब निराधार है

उस पर ढाए जाते हैं इतने सितम कि

जन्म लेने से पहले उसे कर दिया जाता है

खत्म।

और भी इस समाज को आईना दिखा दूँ

आज के समाज में लड़की की दशा बता दूँ

पहले तो वह शिक्षा के अधिकार से वंचित है

फिर भी उस में बहुत से गुण संचित है।

हर रूप में (लड़की,माता, पत्नी ,बहन)

वह त्याग दिखाती है फिर भी दहेज के लिए

वही जलाई जाती है।


उसे सबसे पहले चाहिए जीवित रहने का

अधिकार और चाहिए माता-पिता का

उसके प्रति प्यार, माँ रखती है लड़के के लिए

अहोई का व्रत

यह होता है लड़के की लंबी आयु का व्रत।

क्या ऐसा भी है कोई त्यौहार जिसमें

लड़की की लंबी आयु के आसार

अगर माँ का ही होगा ऐसा व्यवहार तो

कौन करेगा लड़की से प्यार

माँ कहती है यह घर पराया है

अगर माँ -बाप का घर ही पराया है तो

फिर किसने उसे अपनाया है।


कहने को देश स्वाधीन है पर आज भी

लड़की क्यों पराधीन है एक ओर तो

समाज करता है उसकी पूजा और उस पर

जुल्म करने वाला वही है दूजा

समय के साथ हर एक चीज बदलती है

फिर क्यों समाज को लड़कियों की

ख़ुशियाँ खलती है

इस पुरुष प्रधान समाज को यह तो डर नहीं

कि ये समाज बन ना जाए स्त्री प्रधान

कहीं एक बार देख कर तो देखो उसे

उसके सारे अधिकार

फिर वह भी देगी इस देश के गुलशन को

सँवार

उसे मिलना चाहिए हर क्षेत्र में आगे

बढ़ने का अधिकार

तभी हो सकेगा देश का उद्धार।।


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