आधा झूठ बड़ा खतरनाक
आधा झूठ बड़ा खतरनाक


आधा झूठ बड़ा ख़तरनाक आधा झूठ बड़ा ख़तरनाक, करता जीवन को बर्बाद।
जब तक सत्य न ज्ञात हो पाए, रखना मत इस पर विश्वास।।
नेताओं के झूठे वादे, हर चुनाव में गूंज रहे।
जनता फिर भी ठगी-सी रहती, स्वार्थ सभी के पूंज रहे।।
ढोंगी बाबा चोला ओढ़े, धर्म-कर्म का खेल रचाते।
भोले-भाले लोगों को ठगकर, अपनी झूठी धाक जमाते।।
झूठ का जितना बढ़े प्रचार, सच उतना ही दबता जाए।
सत्य खोजने की जो ठाने, वही रोशनी तक पहुंचाए।।
घर-घर में षड्यंत्र गहरे, आधा सच भी भारी पड़ता।
इससे कितने रिश्ते टूटे, परिवारों का नाश करता।।
हर ओर फैला झूठ का साया, हमें सत्य की राह दिखानी है।
ढोंग-फरेब से दूर रहकर, सच्चाई को पहचान दिलानी है।।
वादों में मत बहो कभी भी, हर अफवाह को परखो पहले।
झूठ के जाल में मत फंसो, सत्य की ओर बढ़ो निर