ये नशा
ये नशा
हंगामा है क्यो बरपा थोड़ी सी जो पी ली हैं,
डाका भी तुमने डाला,चोरी भी तुमने की है,
एक अदद दिल था मेरा,जो भी चुरा बैठे हो,
नशे पर मेरे सवाल उठा बैठे हो,
देखो जरा मयखाने की कतार भी देखो,
इश्क का नशा हैं, मुझमे देखो
मेरी हर बात पर सवाल उठा बैठे हो,
थोड़ी सी मय पर नाराज़ हो बैठे हो,
मय नहीं ये नशा इश्क का हैं,
तेरे लिए कुछ तुझ से है।।