सुहाना सफ़र..
सुहाना सफ़र..
शुरू शुरू मेंआँखों हीआँखों में इकरार होता है,
धीरे धीरे बातो ही बातो में प्यार होता है,
फिरआँखों की बाते दिल समझाने लगता है,
और दिल बार बार बेक़रार होता है,
बेकरारी में दो दिल ऐसे मिलते है,
जैसे जमीन और आसमान जुड़ते है,
फिर मिलने के सिलसिले बढ़ते है,
और तकरार के आलम भी चलते है,
रूठना तो अक्सर एक बहाना होता है,
पिया को कभी ना कभी सताना होता है,
रूठे पिया को फिर मनाना होता है,
अक्सर प्यार का यही तराना होता है,
किसी से दिल लगाके तो देखो !!
जिंदगी का सफ़र सुहाना होता है,
जिंदगी का सफ़र सुहाना होता है.

