मेरे खुदा
मेरे खुदा
क्या कहूँ तुम्हें मेरे यार,
कितना और कैसे करू मै तुमसे प्यार,
तेरे होठों से पिली मैने सारी मधुशाला,
जबसे अपने मिलन का शुरू हुआ है सिलसिला,
तुझे आखों में समालूँ और नजर बंद कर लूँ,
या पलकों पे बिठा के सपने सजा लूँ,
दिल मै चुपके सासों में बसा लूँ,
या धड़कानों के साथ सीने में रोक लूँ,
तुम ही हो मेरी चाहत,
तुम ही से मिलती हे मुझे राहत,
तेरी बाहों में पाया मैंने सारा जहाँ,
तुही मेरा जीवन तू ही मेरी दुनिया,
कैसे रहूँ मैं तुमसे हो के जुदा,
अब तू ही बता, तुम ही हो मेरे खुदा !