आ गया फिर से नया साल
आ गया फिर से नया साल
फिर वक़्त ने बदली है चाल, आ गया फिर से नया साल,
आओ सारे मिल कर मचाओ, मज़ा मस्ती और धमाल,
की फिर ये साल आएगा न यहाँ!!!!!
फिर वक़्त ने बदली है चाल…..
फिर से महीनों में फ़साने बनेंगे, लम्हो में ज़िन्दगी के बहाने बनेंगे,
मिलेगी फिर चाहत मुस्कुराने की, खुशियों के फिर ठिकाने मिलेंगे।
सुकून हो, हँसी हो, उम्मीद हो, अमन हो,
की हर ख्वाब को मिले मुकम्मल जहाँ!!!!!
फिर वक़्त ने बदली है चाल…..
साँसों को फिर से हौसले मिलेंगे, कदमों को नए रास्ते मिलेंगे,
रौशन होगी राह मंज़िलों की, तेरे ठोकरों से किस्मत खुलेगी,
जुनून हो, ज़िद हो, तबियत हो, यकीन हो,
की कोशिश हो तेरी सख्शियत में रवाँ !
फिर वक़्त ने बदली है चाल….
