STORYMIRROR

Meera Parihar

Classics

4  

Meera Parihar

Classics

शिव‌शंकर

शिव‌शंकर

1 min
292

हे शिव शंकर ! दयानिधे यहाँ जिंदगी हल्कान है।

 भेजिए राहत औ रहमत होगा तभी कल्याण है।।

 

देखिए अपनी धरा यह, दर्द पीड़ाएं सहती हुई।

कोख में खंजर नुकीले, पीर प्रदूषण कहती हुई।।।।


साजिशें यूँ मानवी हुईं, हुईं दानवी सब प्रवृतियाँ ।

सुख-शांति, समन्वय प्रेम में, आ गयीं, विकृतियां।।


पथ निहारें आम जन हम,करबद्ध करते प्रार्थना।

आइए शीतल सलिल बन ,कर रहे हम अभ्यर्थना।।


"मीरा "आयी द्वार पर अब, लीजिए संज्ञान महेश।

जन्म जन्मांतर तक रहो, मम हृदय में बन हृदयेश।।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Classics