Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

चाचा की शादी

चाचा की शादी

3 mins
1.4K


राहुल परिवार के साथ बैठ कर पुराना एल्बम देख रहा था। कोई बीस साल पुरानी तस्वीरें थी। उसके चाचा की शादी की। तब वह केवल पाँच साल का था। 


एक तस्वीर में वह स्टेज पर अपने चाचा चाची के बीच बैठा था। उसके दिमाग में चाचा की शादी की कई झलकियां तैरने लगी। 


चाचा की शादी में वह बहुत खुश था। नए कपड़े पहने वह बारात में जाने के लिए तैयार था। बारात की निकासी के समय ढोल बज रहे थे। उसके पापा, ताऊ और फूफाजी नाच रहे थे। 


उसके बाद सब एक बस में सवार हो गए। बारात को लेकर बस होने वाली चाची के घर की तरफ चल दी। किसी भी बारात में जाने का उसका यह पहला अनुभव था। वह जानने को उत्सुक था कि चाची के घर पहुँच कर क्या होगा। उसने पास बैठे ताऊजी से पूँछा।


"ताऊजी नई चाची के घर पहुँच कर क्या होगा ?

"बेटा वहाँ चाचा और चाची की शादी होगी। तुम बारात में खूब नाचना। दावत का मज़ा लेना।"

"शादी कैसे होगी ?"

"बेटा पंडित जी मंत्र पढ़ कर शादी कराएंगे।"

राहुल को कुछ समझ नहीं आया। ताऊजी ने कहा।

"अगर तुम्हें शादी देखनी है तो रात भर जागना पड़ेगा।"

राहुल ने तय कर लिया कि वह रात भर जाग कर शादी देखेगा।


बारात के पहुँचने पर उन लोगों को एक जगह ठहराया गया। उनका स्वागत मिठाई और नाश्ते के साथ किया गया। कुछ ही देर में बैंड बाजे के साथ बारात चाची के घर की तरफ चली। सबके साथ राहुल ने भी खूब डांस किया। 


जयमाल के बाद चाचा और चाची को स्टेज पर पड़ी कुर्सी पर बैठाया गया। वहाँ सब बारी बारी से उनके साथ ‌तस्वीर खिंचा रहे थे। उन्हें आशीर्वाद दे रहे थे। राहुल ने भी उनके बीच बैठ कर तस्वीर खिंचाई।

दावत में बहुत सारी अच्छी अच्छी चीजें थी।‌ पर राहुल को शादी देखने की उत्सुकता थी। वह इंतज़ार कर रहा था कि कब शादी शुरू होगी। 


कुछ देर बाद सब मंडप के नीचे इकठ्ठा हुए। राहुल खुश था कि वह शादी होते हुए देखेगा। चाचा-चाची को हवन कुंड के पास बैठाया गया। पंडित जी ने शादी की प्रक्रिया शुरू कर दी। राहुल सब कुछ ध्यान से देख रहा था। पर दिन भर उछलने कूदने के कारण उसकी पलकें भारी होने लगी थी। वह अपने पापा की गोद में था। बैठे बैठे सो गया।


सुबह जब उसकी आँख खुली तो वह एक बिस्तर पर था। उसकी कुछ समझ में नहीं आया कि वह यहाँ कैसे आया। बिस्तर से उतर कर वह पापा को ढूंढने लगा। पापा नहा कर तैयार हो रहे थे।


"उठ गए तुम। चलो जल्दी से तैयार हो जाओ। चाची को विदा करा कर घर ले चलना है।"

"तो क्या चाचा-चाची की शादी हो गई ?"

"हाँ वो तो रात में हो गई।"

"मुझे देखनी थी शादी। मुझे यहाँ कौन सुला गया ?"

"तुम मेरी गोद में सो गए थे। इसलिए मैंने यहाँ लाकर सुला दिया।"

राहुल को अच्छा नहीं लगा। वह उदास हो गया। उसके पापा ने समझाया।

"कोई बात नहीं है। कुछ सालों में तुम बड़े हो जाओगे। तब अभय भइया की शादी देखना।"


पर चाचा की शादी ना देख पाने का दुख कम नहीं हुआ। सबने उसे मनाने समझाने की कोशिश की। पर राहुल उदास ही रहा। 

दो दिन बाद जब नई चाची को इस बात का पता चला तो उन्होंने उसे अपने पास बुला कर कहा,

"तुम्हें चाचा-चाची की शादी देखनी है।"

"पर अब तो हो गई।"

"हाँ पर आज शाम को शादी का वीडियो आ जाएगा। उसमें देख लेना चाचा चाची की शादी।"

शाम को सबसे ज्यादा उत्साहित राहुल था। जो तब नहीं देख सका वह अब देखने वाला था।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama