ख़्वाब
ख़्वाब
ख्वाब !
इक बेतरतीब सा अल्फ़ाज।
या यूँ कहूँ तो
बस ख्वाब।
जिसमें सिमटी हैं,
असीमित कल्पनाएँ,
अनियमित भाव।
और आशा की,
प्रखर,
प्रज्वलित किरणें।
ख्वाब !
इक बेतरतीब सा अल्फ़ाज।
या यूँ कहूँ तो
बस ख्वाब।
ख्वाब !
इक बेतरतीब सा अल्फ़ाज।
या यूँ कहूँ तो
बस ख्वाब।
जिसमें सिमटी हैं,
असीमित कल्पनाएँ,
अनियमित भाव।
और आशा की,
प्रखर,
प्रज्वलित किरणें।
ख्वाब !
इक बेतरतीब सा अल्फ़ाज।
या यूँ कहूँ तो
बस ख्वाब।