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komal goswami

Tragedy

4  

komal goswami

Tragedy

सर्दियों की रात

सर्दियों की रात

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सर्दियों की उन ठंडी रातों को 

उसने बाहर बिताया 

क्या सिर्फ इस लिए कि वह गरीब है

कोई उसका सहारा न बन पाया?


सब घर के अंदर भी ठंड का अहसास कर रहे थे

वह बाहर रहकर ठिठुरता हुआ भी 

किसी से शिकायत न कर पाया

 क्या सिर्फ इस लिए कि वह गरीब है

कोई उसका सहारा न बन पाया?


न जाने कितनी ऐसी रातें उसने बाहर बिताई

फिर भी किसी ने उसपर दया न दिखाई

बिन कंंलब बाहर सोया वो

शिकायत किसी से कर नहीं पाया

क्या सिर्फ इस लिए कि वह गरीब है

कोई उसका सहारा न बन पाया ?


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