महिला क्या सचमें पिछड़ी हुई है
महिला क्या सचमें पिछड़ी हुई है
क्या महिला सच में पिछड़ी हुई है
या समाज के लोगों की मानसिकता ने
उसे पिछड़ने पर मजबूर किया है
क्या सच में वह कुछ कर नहीं सकती
या समाज ने उसे रोक लिया है
अगर सच में महिला कुछ नहीं कर सकती
अगर वह आगे बढ़ नहीं सकती
तो लक्ष्मी बाई ,किरन बेदी, मैरी कॉम, पी वी सिंंधु
लता मंगेशकर आदि महिलाओं ने कैसे ख्याति प्राप्त की है
कैसे वे तोड़ बेड़ियों को विजय प्राप्त कर पाईं है
सच तो यह है कि समाज ने
बांध दिया है नारी को
इन सामाजिक बंधनों ने
रोक लिया है एक नारी को
इस आधुनिक युग में भी
नारी है यूं पिछड़ रही
इन बेड़ियों से मुक्त होकर
उसे जीने का अगर अधिकार मिले
क्या बुराई है अगर उसे भी अपने हक़ का सम्मान मिलेे
एक सुंदर अवसर मिलने पर वह भी आगे बढ़ सकती है
साथ अगर उसका दुनिया दे तो वह सब कुछ कर सकती है
क्या महिला सच में पिछड़ी हुई है
या समाज के लोगों की मानसिकता ने
उसे पिछड़ने पर मजबूर किया है
क्या सच में वह कुछ कर नहीं सकती
या समाज ने उसे रोक लिया है।