हम नहीं जानते !
हम नहीं जानते !
हर सुबह
बिन उनसे बात
किये बिना,
दिल को चैन
नहीं आता है,
पता नहीं
इस दिल को
उनमें
ऐसा क्या
भाता है,
दिल
मुझ में ही रहकर
मुझे धोखा
दे जाता है..!
हमें
पता भी नहीं चलता
और
वे कहते हैं...
हम नहीं जानते.... !
जब पूछता हूँ
कभी
उनसे कि
ऐसा क्या
जादू किया है,
इस दिल पे,
तो वे
कहते हैं..
पता नहीं...
हम नहीं जानते...!
किसी से
इतना लगाव,
बड़ी मुश्किल से
होता है,
उन्हें कहाँ पता
कि उनकी
नाराज़गी से,
दिल
तड़प -तड़प कर
रोता है,
उन्हें फर्क नहीं
पड़ता,
या वे भी
इस दर्द
को पहचानते हैं,
मगर पूछने
पर एक ही
जवाब,
पता नहीं...
हम नहीं जानते.... !