लिखे जो ख़त ।।।
लिखे जो ख़त ।।।
कुछ लम्हे थे संजोए हुए
कुछ एहसास थे छुपाए हुए।
बातें जो उनसे कह ना सके
मुहब्बत जो उनसे जता ना सके ।
लिफाफे में उम्मीद को सन्देश बनाकर
लिखे तो कई ख़त मगर उन तक कभी पहुंचा ना सके।
कुछ लम्हे थे संजोए हुए
कुछ एहसास थे छुपाए हुए।
बातें जो उनसे कह ना सके
मुहब्बत जो उनसे जता ना सके ।
लिफाफे में उम्मीद को सन्देश बनाकर
लिखे तो कई ख़त मगर उन तक कभी पहुंचा ना सके।