भरोसा और प्यार
भरोसा और प्यार
भरोसा और प्यार संजीवनी बूटी
इन्हें कभी मत छोड़ना।
मात पिता का प्यार अमूल्य है
उनका दिल कभी मत तोड़ना।
भरोसा किया था मात पिता ने तुमपर।
तुम्हारी खुशी की खातिर अकेले
भी रहना स्वीकार किया।
हर इच्छा पूर्ण करी तुम्हारी
अपना ख्याल कबहुं ना किया।
उन्होंने भरोसा किया तुम पर
तो उनका विश्वास न तोड़ना तुम।
जीवन में किसी की भी खातिर
उनका प्यार ना छोड़ना तुम।
वह जो अपने माता-पिता का भी ना हुआ
भला तुम्हारा क्यों कर होगा ?
सुख के तो साथी है सब
दुख में भला कोई क्यों कर होगा ?
मात पिता ने स्वार्थहीन हो
तुमको इतना बड़ा किया।
उनके अनुभव से प्रेरणा लेना।
जब आज तक उन्होंने हर इच्छा की थी पूरी तुम्हारी,
तो भला आज तुम्हें क्यों मना किया ?
कहीं पछताना केवल ना रह जाए
अगर जो तुमने उन पर अविश्वास किया।
