आज भी शाम अकेले गुजर जायेगी।
आज भी शाम अकेले गुजर जायेगी।
आज भी वो हमसे मिलने नहीं आयेगी,
आज भी तन्हाइयां हमें खूब सताएगी।
सितम उनकी यादों का तो देखिए यारों,
आज भी रात जागते जागते कट जायेगी।
प्यार किया नहीं जाता है दोस्तों,
नजरों नजरों के खेल में मारे बेचारे दिल जाते हैं।
ये कब कहां कैसे और किससे हो जाएं,
कोई ना जान सका ना जाना और ना जान सकेगा।
कोई कह दो ना जाकर उनको हमारा हाल-ए-दिल,
कि कुछ पल ही सही कर दे इतनी सी मेहरबानी।
प्यार में तो आशिक लुटा देते हैं अपनी जान,
वो हमारे लिए कर नहीं सकते कुछ पल कुर्बान।