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D.N. Jha

Abstract

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D.N. Jha

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होली (कुंडलियां)

होली (कुंडलियां)

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होली आयी द्वार पर, मोहन खेले रंग।

शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा,राधा रानी संग।।

राधा रानी संग, कृष्ण मारें पिचकारी।

निकले ऐसे रंग,भीगती दुनिया सारी।।

ऐसा चढ़े उमंग,गीत गाती हमजोली।

मस्ती की है बात,पर्व जब आती होली।।


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