ये जिंदगी शतरंज सी
ये जिंदगी शतरंज सी
ये जिंदगी, शतरंज की बिसात है,
हर एक इंसान एक मोहरा है,
कौन, कब, किसको मात दे जाए,
इसका उसपे, उसका उसपे नज़र का पहरा है।
घात पैनी हर एक शिकारी की,
फकत एहतियात पर दम ठहरा है,
जरा सी चूक और तमाम खेल सभी,
हर कोई खुद को बचाने के लिए ठहरा है।
चाल टेढ़ी कोई चलेगा यहाँ,
कोई सीधा लगाए पहरा है,
युद्ध अस्तित्व की लड़ाई का,
वही जीतेगा जो समझदार बड़ा गहरा है।
दिल के काले तो कुछ सफेद यहाँ,
पीछे चेहरे के दूजा चेहरा है,
वक्त हो जिसपे मेहरबान यहाँ,
सजता उसके सर ही जीत वाला सेहरा है।