इत्तफ़ाक
इत्तफ़ाक
कल स्याह रात,
दूधिया-असित।
खुले केशों में,
मिल गया....
फिर वही ख्वाब,
ड़रावना,
कुछ सच सा।
ना इत्तफ़ाकन...
इत्तफ़ाक से।
कल स्याह रात,
दूधिया-असित।
खुले केशों में,
मिल गया....
फिर वही ख्वाब,
ड़रावना,
कुछ सच सा।
ना इत्तफ़ाकन...
इत्तफ़ाक से।